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सचिव के कलम से

जो माता एवं पिता अपने बच्चों को शिक्षा नहीं देते हैं, वे तो बच्चों के शत्रु के समान हैं | क्योंकि वे विद्याहीन बालक विद्वानों की सभा में वैसे ही तिरस्कृत किये जाते हैं जैसे हंसों की सभा में बगुले |

- चाणक्य

मान्यवर,

यह एक शाश्वत सत्य है कि किसी भी राष्ट्र, समाज एवं व्यक्ति के सम्पूर्ण विकास एवं उन्नति के लिए शिक्षा ही एक मात्र महत्वपूर्ण साधन है | शिक्षा के अभाव में कुछ भी अर्थपूर्ण हासिल नहीं किया जा सकता | शिक्षा ही लोगों के जीवन-स्तर में सुधार तथा उनके जीवन के गुणवत्ता को बढाने हेतु क्षमताओं का निर्माण कर तथा बेहतर रोजगार के अवसर उपलब्ध करने के मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है |

इसी भाव और उद्देश्य से प्रेरित होकर Q-Max Public School के रूप में एक ऐसे स्कूल कि स्थापना की गयी जहाँ, शिक्षा के आधुनिक मापदण्डों का शत-प्रतिशत अनुपालन हो तथा इस विद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चे स्वंय को वैश्विक प्रतियोगिता के योग्य बना सकें |

आपके शहर में इस विद्यालय की स्थापना काल से अब तक घनात्मक परिणाम हम सबके समक्ष है | इस विद्यालय के माध्यम से बौद्धिक विकास हेतु प्रस्तावित पाठ्य पुस्तकों का अध्यापन, व्यक्तित्व विकास हेतु संगीत एवं योग शिक्षण तथा शारीरिक विकास हेतु क्रीड़ा प्रशिक्षण जो CBSE द्वारा मान्य सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक शिक्षा प्रणाली पर आधारित है, की व्यवस्था कि गयी है | हम सम्पूर्ण देश में एक सम्पूर्ण शैक्षणिक व्यवस्था प्रतिस्थापित करने के लिए कृतसंकल्पित हैं |

आशा है आप सबों का सहयोग मिलता रहेगा |

सधन्यवाद

प्रणव कुमार

सचिव